दांतों पर दाग के कारणों और उपचारों की खोज
— हमारी मुस्कान हमारी पर्सनैलिटी का अहम हिस्सा है लेकिन दांतों पर दाग या पीले सफेद धब्बे आपकी पर्सनैलिटी को खराब कर देते हैं, इसलिए दांतों की सफाई और समय समय पर दंत चिकित्सक से परामर्श पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
आमतौर पर रेगुलर ब्रश करने के बाद भी दांतों पर दाग दिखने लगते हैं। दांतों पर दाग पीले, भूरे या सफेद रंग के निशान के साथ पड़ते हैं। हालांकि ये एक आम समस्या है लेकिन ये आपकी सुंदर सी मुस्कान को दागदार बना सकती है। मसूड़ों पर दांतों के बीच दिखने वाले भूरे दाग खाते समय जमा पदार्थों के कारण होते हैं जबकि पीले दाग ठीक से ब्रश न करने की वजह से होते हैं। दांतों पर सफेद दाग कुपोषण या कैल्शियम की कमी आदि समस्याओं की वजह से हो सकते हैं। दांतों पर दाग पड़ने के अन्य कारणों में आनुवांशिक कारण, अधिक चाय—कॉफी पीने और धूम्रपान जैसे कारण भी शामिल हैं।
अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अगर दांतों पर दाग का वक्त पर ट्रिटमेंट न लिया जाए तो दांग कमजोर पड़ जाते हैं और कम उम्र में दांत हिलते या टूटने लगते हैं। ऐसे में आपको तुरंत दंत चिकित्सक (Best dentists in Jaipur) से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। इस लेख में विभिन्न प्रकार के दांतों के दाग, कारण, रोकथाम और इलाज के बारे में विस्तृत से चर्चा करेंगे।
दांतों पर दाग के प्रकार -
सामान्य तौर पर दांतों पर पड़ने वाले दाग दो प्रकार के होते हैं। पहला - आंतरिक और दूसरा - बाहरी।
दांतों के दाग आमतौर पर या तो बाहरी या आंतरिक होते हैं। बाहरी दाग दांतों की बाहरी सतह पर होते हैं। ये आपकी आपकी मुस्कुराहट की शारीरिक संरचना के बजाय केवल बाहरी स्वरूप को प्रभावित करते हैं। यानी जब हम मुस्कुराते हैं या वो आपके मोती जैसे दांत पीले पीले या दाग धब्बों वाले दिखाई देंगे जिससे आपको शर्मिदगी छेड़नी पड़ सकती है। जो लोग अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, जामुन, करी, हार्ड ड्रिंक या मसाले वाले खाने का सेवन करते हैं, बाहरी दाग का कारण बन सकते हैं। जो लोग नियमित रूप से क्लोरीनयुक्त पूल में तैरते हैं, उनके दांतों पर भूरे रंग के धब्बे दिखाई दे सकते हैं। इन दागों को टूथपेस्ट और माउथवॉश जैसे दंत उत्पादों से हटाया या कम किया जा सकता है। आपके दंत चिकित्सक (Best dentists in Jaipur) द्वारा दांतों की सफाई द्वारा भी इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
आंतरिक दाग वे होते हैं जो आपके दांत की संरचना के अंदर होते हैं। यह कुछ ऐसा हो सकता है कि दांत के अंदर छिद्र वाली सतह रिस रही होती है और इससे आपके दांतों पर दाग पड़ जाते हैं। ऐसे में आपको तुरंत आपके द्वारा दंत चिकित्सक से परामर्श करना बेहतर रहेगा।
दांतों पर दाग होने के प्रमुख कारण -
दांतों पर सफेद दाग मुख्य रूप से डीकैल्सीफिकेशन के कारण होते हैं जिन्हें डिमिनरलाइजेशन भी कहा जाता है। डीकैल्सीफिकेशन या डिमिनरलाइजेशन दांतों की सतह से कैल्शियम और फॉस्फोरस को हटा देती है। इससे हमारे दांतों पर सफेद रंग के निशान रह जाते हैं। इनके सामान्य कारणों में शामिल हैं:—
1. बैक्टीरिया -
मुंह में बैक्टीरिया जमा होने से कई तरह की बीमारियां और दांतों पर सफेद दाग बनने जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं। भोजन करने के बाद विकसित अम्लीय वातावरण के कारण मुंह के अंदर जम्स या बैक्टीरियां पनपते हैं। वे लार के साथ मिलकर अत्यधिक अम्लीय तरल पदार्थ बनाते हैं। एसिड के लगातार संपर्क में रहने से दांतों का इनेमल नष्ट हो जाता है और दांतों पर सफेद या पीली रेखाएं या दांतों पर धब्बेनुमा दाग बनने लगते हैं। जो लोग रेड वाइन और टमाटर सॉस जैसे खाद्य पदार्थों, ज्यादा तेल मसाले वाला खाना आदि का सेवन ज्यादा करते हैं, उनके दांतों पर दाग पड़ने के चांस अधिक होते हैं।
2. डेंटल फ्लोरोसिस -
डेंटल फ्लोरोसिस एक रोग है जो अत्यधिक फ्लोराइड सेवन से उत्पन्न होता है। सामान्य तौर पर 1 से 8 वर्ष की आयु के बच्चे इस समस्या के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। वजह है कि उनके दांत और इनेमल पूर्ण विकसित नहीं होते, बल्कि ग्रोइंग स्टेज़ पर होते हैं। ऐसे में दांतों पर फ्लोराइड के लगातार संपर्क से इनेमल ठीक से विकसित नहीं हो पाता है और दांतों की सतहों पर गहरे धब्बे छोड़ता है। इसे मेडिकल लैंग्वेज में 'इनेमल हाइपोप्लेसिया' कहा जाता है।
3. तेज बुखार या पर्याप्त पानी न पीना -
अगर आपको तेज बुखार है या आप पानी कम पीते हैं तो मुंह सूखने की वजह से बैक्टीरिया को पनपने और दांतों पर हमला करने में मदद मिलती है। इसी तरह, सूखे मुख में इनेमल में मौजूद खनिज सामग्री को भी हटा देता है। बच्चों में तेज बुखार और पानी ने पीने की आदतों की वजह से दांतों पर ऐसे धब्बे बनने की संभावना अधिक होती है।
4. मुंह से सांस लेना -
अगर आप मुंह खोलकर सोते हैं या मुंह से सांस लेते हैं तो भी आपके दातों पर दाग—धब्बे बनने की संभावना बनती है। सूखा मुख, सांसों की दुर्गंध, टेढ़े-मेढ़े दांत या मुंह से सांस लेने के कारण भी दांतों का कैल्शियम और फॉस्फोरस कम होने लगता है जिसकी वजह से भी दांतों पर धब्बे बनने लगते हैं।
5. डेंटल ब्रेसिज़ पहनना -
डेंटल ब्रेसिज़ या डेंटल ब्रेस सामान्य तौर पर टेड़े मेड़े दांतों को सीधा करने के लिए पहनी जाती है। डेंटल ब्रेस पहनकर दांतों की सफाई करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में दांतों पर अम्लीय वातावरण और बैक्टीरिया का प्रजनन बढ़ जाता है। ऐसे में जब डेंटल ब्रेसिज़ को हटाते हैं, उसके बाद दांतों पर दाग या सफेद धब्बे बनने लगते हैं।
6. रॉन्ग ब्रशिंग -
अनुचित और अनियमित ब्रशिंग के कारण भी दांतों की सतह ठीक से साफ नहीं हो पाती है। इससे मुंह में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और एक बायोफिल्म (बैक्टीरिया का समूह) दांतों की सतह पर चिपक जाते हैं। जैसे-जैसे बायोफिल्म की यह परत सख्त होती जाती है, यह दांतों पर भूरे या हल्के पीले रंग के धब्बे छोड़ती है।
7. स्मोकिंग या तंबाकू चबाना -
अगर आप स्मोकर हैं या पान मसाला या तंबाकू चबाते हैं तो निश्चित तौर पर आपको दांतों पर दाग पड़े होंगे। तंबाकू में निकोटिन होता है, जो ऑक्सीजन के साथ मिलकर पीला हो जाता है। इसलिए, जो लोग धूम्रपान करते हैं और तम्बाकू चबाते हैं, उनके दांतों और मसूड़ों पर अक्सर दाग देखने को मिलते हैं। अत्यधिक दवाओं के सेवन से भी दांतों पर दाग पड़ने लगते हैं। टेट्रासाइक्लिन इसका एक उदाहरण है। ज्यादा कोल ड्रिंक, वाइन या सोडा पीना भी दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है।
दांतों पर दाग को मिटाने के उपाय -
अगर आप भी दांतों पर दाग धब्बों की समस्या से ग्रस्त हैं तो ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस लेख में आपको दांतों को चमकदार और सफेद बनाए रखने के तरीके बताए गए हैं, जो कुछ इस प्रकार से हैं।
1. डेंटल ब्लीचिंग -
डेंटल ब्लीचिंग एक सामान्य कॉस्मेटिक ट्रिटमेंट है जो दांतों की सतह पर चिपके दाग, गंदगी और पीलेपन को हटाने के लिए किया जाता है। इसमें व्हाइटनिंग स्ट्रिप्स, दांतों को सफेद करने वाला पेस्ट, जैल आदि कई तरह के दंत चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। इनमें पेरोक्साइड-आधारित ब्लीचिंग एजेंट होते हैं, जो दांतों के दाग खत्म करके उन्हें प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करते हैं।
2. प्रोफेशनल डेंटिस्ट व्हाइटनिंग -
प्रोफेशनल डेंटिस्ट व्हाइटनिंग भी एक उपाय है जो इन दिनों काफी ट्रेंड में है। इस उपचार में दंत चिकित्सक (Best dentists in Jaipur) द्वारा आपके मुंह को अच्छी तरह से साफ किया जाता है और जांच की जाती है। सफाई में आमतौर पर हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग किया जाता है। सबसे पहले दांतों पर पेरोक्साइड जेल लगाया जाता है, फिर हटाया और इसे कई बार दोबारा लगाता है। दांतों को चार से छह शेड तक सफेद बनाया जा सकता है। इस उपचार का एक और लाभ यह है कि आपके मसूड़े और मुंह सुरक्षित रहते हैं जबकि दांत मोती जैसे चमकते हैं। ये थोड़ी महंगी प्रक्रिया है लेकिन इनका प्रभाव भी सबसे लंबे समय तक रहता है।
दांतों पर दाग-धब्बों की रोकथाम -
अब तक आपको ये तो पता चल ही गया होगा कि आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ मुंह में बैक्टीरिया को पोषण देकर दांतों पर दाग धब्बे पैदा करते हैं। अपनी लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करके और कुछ आदतों के बदलकर इन्हें रोकना संभव है। दांतों के दागों या सफेद धब्बों से बचने के लिए कुछ बातों को अपनाया जा सकता है।
— फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का अधिक प्रयोग करने से बचें।
— फ्लोराइडयुक्त पानी न पिएं।
— मीठे और अम्लीय खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
— धुम्रपान और तंबाकू का सेवन न करें।
— लक्षण दिखाई देने पर तुरंत दंत चिकित्सक से परामर्श लें।
निष्कर्ष -
दांतों पर दाग या पीले सफेद धब्बे आपकी पर्सनैलिटी को खराब कर देते हैं जबकि सफेद और मोती से चमकते दांत आपके व्यक्तित्व में निखार ला देते हैं। चूंकि हमारी मुस्कान हमारी पर्सनैलिटी का अहम हिस्सा है, इसलिए दांतों का खास ख्याल रखना जरूरी है। इसके लिए कुछ खास बातों को हमें अपनाना चाहिए। खास तौर पर दांतों की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। धुम्रपान और तंबाकू एवं सोडा आदि से जितनी दूरी हो सके, बनाए रखें। फिर भी आपको लगे कि समस्या का रोकथाम नहीं हो पा रहा है तो तुरंत एक अच्छे दंत चिकित्सक (Best dentists in Jaipur) से संपर्क करना चाहिए।
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